09-05-2019

09-05-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – शिवबाबा वन्डरफुल बाप, टीचर और सतगुरू है, उसे अपना कोई बाप नहीं, वह कभी किसी से कुछ सीखता नहीं, उन्हें गुरू की दरकार नहीं, ऐसा वन्डर खाकर तुम्हें याद करना चाहिए” प्रश्नः- याद में कौन-सी नवीनता हो तो आत्मा सहज ही पावन बन सकती है? उत्तर:- … Continue reading 09-05-2019